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    Uttar Pradesh News: भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), देहरादून ने शनिवार को "इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2023" (आईएसएफआर-2023) जारी की है। इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के वनावरण और वृक्षावरण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।  


    उत्तर प्रदेश में हरित आवरण की वृद्धि

    रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश के वनावरण और वृक्षावरण में 559.19 वर्ग किमी (करीब 138,179 एकड़) की वृद्धि हुई है, जो प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 0.23% है।  


    वनावरण

    2021 में 14,927.37 वर्ग किमी (6.20%)  

    2023 में 15,045.80 वर्ग किमी (6.24%)  

    वृद्धि: 118.43 वर्ग किमी  


    वृक्षावरण

    2021 में 8,510.16 वर्ग किमी (3.53%)  

    2023 में 8,950.92 वर्ग किमी (3.72%)  

    वृद्धि: 440.76 वर्ग किमी  


    कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश का हरित आवरण (वनावरण + वृक्षावरण) 23,437.53 वर्ग किमी (9.73%) से बढ़कर 23,996.72 वर्ग किमी (9.96%) हो गया है।  


    भारत का वन एवं वृक्षावरण

    देश में वन एवं वृक्षावरण का कुल क्षेत्रफल: 8,27,357 वर्ग किमी

    वनावरण: 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%)  

    वृक्षावरण: 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%)  

    कुल हरित आवरण: देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17%


    हरित आवरण वृद्धि के पीछे के कारण

    2015 से 2023 के बीच उत्तर प्रदेश में जनभागीदारी से बड़े पैमाने पर सघन पौधरोपण अभियान चलाए गए। इस अवधि में तीन लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ा है। यह राज्य सरकार और जनता के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।  


    महत्व और भविष्य की दिशा

    उत्तर प्रदेश में हरित आवरण की यह वृद्धि न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने, जैव विविधता संरक्षण, और वायु गुणवत्ता सुधार में भी सहायक होगी। यह रिपोर्ट सरकार की वृक्षारोपण योजनाओं और जनभागीदारी की सफलता को दर्शाती है। उत्तर प्रदेश ने हरित आवरण में वृद्धि कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल है।


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