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    कानपुर: उत्तर प्रदेश के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय और इसके संबद्ध महाविद्यालयों के लाखों छात्रों को साइबर सुरक्षा की जानकारी प्रदान की जाएगी। यह पहल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के निर्देशन में शुरू हुई है। इस पाठ्यक्रम से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन शनिवार को डीन एकेडमिक डॉ. बृष्टि मित्रा और निदेशक सीडीसी की मौजूदगी में सेंटर फॉर एकेडमिक के एकेडमिक काउंसिल हाल में किया गया।


    10 अगस्त से छात्रों के लिए साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम

    10 अगस्त से यह पाठ्यक्रम सभी छात्रों के कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट आदि पर शुरू हो जाएगा। आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआई हब द्वारा तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम के संयोजक आनंद हांडा होंगे। उनकी टीम ने इस पाठ्यक्रम को आठ माड्यूल में विभाजित किया है। यह पाठ्यक्रम हिन्दी माध्यम के छात्रों की समझ को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों विधाओं के विद्यार्थी इसे आसानी से समझ सकें।


    यह थ्री क्रेडिट साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएजेएमसी, बीएएलएलबी समेत सभी स्नातक पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। डॉ. बृष्टि मित्रा ने बताया कि 10 अगस्त से यह पाठ्यक्रम पहले स्नातक तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। बाद में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने पर इसे प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए भी लागू किया जाएगा।


    पाठ्यक्रम को लेकर विवाद

    विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सभी छात्रों के लिए साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम अनिवार्य किए जाने पर कॉलेज प्रबंधक और शिक्षक संगठन के पदाधिकारी विरोध जता रहे हैं। प्रबंधकों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्र अपनी फीस तक नहीं दे पाते, तो वे साइबर सुरक्षा जैसे पाठ्यक्रमों के लिए अतिरिक्त फीस कैसे देंगे? साथ ही, बीए और बीकॉम के छात्रों के लिए इस तकनीकी पाठ्यक्रम का विशेष महत्त्व नहीं है।


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