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    Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कोर्ट परिसर में हुए हत्याकांड मामले में जैसे- जैसे जांच आगे बढ़ रही है। वैसे- वैसे नए खुलासे भी हो रहे हैं। पूछताछ में शूटर विजय यादव के बयान ने पुलिस की जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने पुलिस को बताया है कि उसने बीस लाख रुपए में हत्या की सुपारी ली थी। वहीं यह डील नेपाल के बदमाश अशरफ से हुई थी। फिलहाल पुलिस असल वजह और हत्या के पीछे के मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बयान के बाद से पुलिस इस पहलू पर जांच शुरू कर दी है 


    शूटर ने पुलिस को दिया ये बयान

    एडवांस के रूप में उसे 5 लाख रुपए दिए भी गए थे और बाकी की रकम काम पूरा होने के बाद देने। की बात हुई थी। विजय ने पुलिस को यह भी बताया कि अशरफ का भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है। वहां कुछ दिन पहले जीवा और अतीफ में विवाद हो गया था। यह बात अशरफ को पता चली थी। इसके बाद उसने जीवा की हत्या का प्लान बनाया। हालांकि अब इन जवानों में कितनी सच्चाई है यह जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन इससे एक बात तो साफ है कि विजय यादव इस हत्याकांड में एक प्यांदा हैं इसके पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ है।


    बड़े अधिकारियों पर गिरेगी गाज?

    उधर गुरुवार देर रात कोर्ट रूम के भीतर गैंगस्टर संजीव जीवा पर गोलियां बरसाने के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। शुरुआती जांच में इनकी लापरवाही पाए जाने की बात सामने आई है। इन सभी पुलिसकर्मियों की कोर्ट परिसर के अलग-अलग गेट पर ड्यूटी तैनात थे। इसमें चार हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल हैं। इतनी बड़ी वारदात में हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को जिम्मेदार ठहराया गया है। बड़े जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तय न कर अब तक उनको बचा लिया गया है। लेकिन SIT की टीम की रडार पर कुछ बड़े अधिकारी भी हैं माना जा रहा है कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।


    ये 6 पुलिस कर्मी हुए निलंबित

    कांस्टेबल सुनील दुबे, कांस्टेबल मोहम्मद खालिद, कांस्टेबल अनिल सिंह, कांस्टेबल सुनील श्रीवास्तव, कांस्टेबल निधि देवी व धर्मेंद्र को डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने निलंबित किया है।


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