Uttar Pradesh News: फार्मेसी कॉलेजों में सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही संकट में पड़ गई है। लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 2050 फार्मेसी कॉलेजों में काउंसलिंग प्रक्रिया बुधवार से शुरू होनी थी, लेकिन फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा कॉलेजों को मान्यता न देने के कारण यह संभव नहीं हो सका। नियमों के अनुसार, PCI हर साल फार्मेसी कॉलेजों को मान्यता प्रदान करता है, जिसके बाद ही काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत होती है।
अभी तक प्राविधिक शिक्षा परिषद को केवल 890 कॉलेजों के मान्यता संबंधित एनओसी प्राप्त हुए हैं, जो यूराइज पोर्टल के माध्यम से कॉलेजों ने सीधे परिषद को भेजे हैं। लेकिन PCI की ओर से कोई एनओसी परिषद को नहीं भेजी गई है। इस कारण 9 अक्टूबर से शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया अब तीसरी बार स्थगित कर दी गई है, जिससे प्रदेश के 1.12 लाख छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। हालाँकि PCI ने कुछ कॉलेजों को काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति दी है, लेकिन मान्यता प्राप्त 890 कॉलेजों में भी काउंसलिंग अब तक शुरू नहीं हो पाई है।
अगर कुछ कॉलेजों में काउंसलिंग होती है और कुछ में नहीं, तो इस मामले के न्यायालय में जाने की आशंका है, जिसे देखते हुए कॉलेजों ने फिलहाल काउंसलिंग प्रक्रिया स्थगित रखी है। प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव अजीत कुमार मिश्रा ने कहा कि जब तक सभी कॉलेजों की मान्यता के एनओसी प्राप्त नहीं होते, काउंसलिंग शुरू नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रमुख सचिव के निर्देश हैं कि इस बार न्यायालय स्तर पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए, जैसा कि पिछले साल हुआ था जब कई कॉलेज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। फिलहाल, प्राविधिक शिक्षा परिषद सभी कॉलेजों की मान्यता की प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिश कर रहा है, ताकि प्रवेश प्रक्रिया जल्द से जल्द सुचारू रूप से शुरू हो सके।
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