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    बुलंदशहर नगर के यमुनापुरम मॉल में विश्व हिंदू परिषद संगठन के लोगों ने सैकड़ों लोगों को द केरल स्टोरी के टिकट बांट कर उन्हें फिल्म फ्री दिखाई। विश्व हिंदू परिषद संगठन के लोगों ने कहा कि अपने संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए वे फिल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगो को दिखाना चाहते हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने भी फिल्म देखी, उनका कहना है कि लव जिहाद और आतंकवाद जैसे मुद्दे को संगठन काफी समय पहले से उठाता चला आया है। 


    यमुनापुरम स्थित एमएमआर मॉल में दिखाई गई फिल्म 

    बुलंदशहर नगर के यमुनापुरम में स्थित एमएमआर मॉल में विश्व हिंदू परिषद संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने द केरल स्टोरी फिल्म के फ्री टिकट बाटे। कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने नगर के कई लोगों को इस फिल्म को दिखाया। द केरल स्टोरी फिल्म केरल में हिंदू और क्रिश्चियन लड़कियों के धर्मांतरण और उन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों में भेजने की कहानी पर आधारित है। विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों का कहना है कि फिल्म को देखकर हमारी बहन बेटियों को सच्चाई का पता चलेगा। एक विशेष मानसिकता के लोग हमारी बहन बेटियों के साथ खिलवाड़ कर अपने उद्देश्य के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं। 


    विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी का कहना है कि हमारे समाज में एक मानसिकता हमारी बहन बेटियों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें आतंकी संगठनों में भेजने का प्रयास कर रही है। इस फिल्म के माध्यम से बहन बेटियों को समझना होगा कि यह मानसिकता किस तरीके से काम करती है। सरकार से मेरा अनुरोध है कि लव जिहाद, आतंकवाद और विदेशी फंडिंग से चलने वाले धर्मांतरण को रोका जाए।



    सुप्रीम कोर्ट ने काल्पनिक फिल्म डिस्क्लेमर लगाए जाने का दिया था आदेश 

    द केरल स्टोरी फिल्म पर एक पक्ष इसे सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बताता है जिसमें हिंदू संगठन और अन्य लोग भी शामिल है तो वही दूसरा पक्ष इसे पूरी तरीके से प्रोपेगेंडा बताता है। कल सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से राज्य में द केरल स्टोरी फिल्म से बैन हटाए जाने के आदेश दिए साथ ही फिल्म के निर्माता को आदेश दिया कि फिल्म से पहले डिस्क्लेमर में लगाया जाए कि 32000 के आंकड़े का कोई सबूत नहीं है, यह फिल्म एक काल्पनिक फिल्म है।


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