लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने होटल निर्माण के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। अब 6 से 20 कमरों वाले होटलों के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता खत्म कर दी गई है, लेकिन आवासीय इलाकों में सड़क की चौड़ाई 9 मीटर और कॉमर्शियल इलाकों में 12 मीटर होनी चाहिए। 20 कमरों से अधिक वाले होटलों के लिए न्यूनतम 5000 वर्गमीटर क्षेत्रफल अनिवार्य होगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कम स्पेस वाले होटलों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो रही थीं।
अविकसित कॉलोनियों में नहीं होगी निर्माण की अनुमति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में खुद पहल की है, और आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, छह से 20 कमरों वाले होटलों के लिए भवन निर्माण नियमों का पालन करने पर न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता नहीं होगी। हालांकि, नाका और पान दरीबा, चारबाग एरिया जैसे इलाकों में जहां सड़क की चौड़ाई 3 से 5 मीटर है, वहां बने होटल अवैध माने जाएंगे। नए नियमों के तहत, अविकसित कॉलोनियों में होटल निर्माण की अनुमति नहीं होगी।
ये हैं नए नियम
आवासीय क्षेत्रों में 20 कमरों तक के होटलों के लिए पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 9 मीटर और 20 कमरों से अधिक के होटलों के लिए 12 मीटर होगी। गैर-आवासीय क्षेत्रों में सभी प्रकार के होटलों के लिए पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर होनी चाहिए। 15 मीटर ऊंचाई तक के होटल भवनों के लिए, सामने 5 मीटर, पीछे 3 मीटर, और दोनों पक्षों में 3-3 मीटर का सेट बैक आवश्यक होगा। इसके अलावा, प्रति 100 वर्गमीटर निर्मित तल क्षेत्रफल पर 15 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था भी अनिवार्य की गई है।