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    Lucknow News: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अकबर नगर मामले में अपना निर्णय स्पष्ट किया है। दरअसल, 6 मार्च 2024 और 29 फरवरी 2024 के कोर्ट ने आदेश दिया किया था। इसमें झुग्गी झोपड़ी और व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने वालो के लिए अलग अलग निर्णय लिया गया था। को स्पष्ट करते हुए कहा है कि 6 मार्च 2024 को पारित निर्णय सिर्फ झुग्गीवासियों के लिए है न कि अकबर नगर में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाले लोगों के लिए। लिहाजा व्यवसायिक गतिविधियां चलाने वाले लोगों को 20 मार्च यानी आज अकबर नगर खाली करना होगा। नहीं तो एलडीए प्रशासन अपनी कार्रवाई शुरू कर देगा।


    झुग्गीवासियों को मिला 31 मार्च तक समय

    न्यायालय ने आगे कहा कि झुग्गीवासियों को अकबर नगर खाली करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है।न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि जिन्हें पुनर्वास आवंटित हो गए हैं वे शीघ्र अकबर नगर में कब्जा किए गए स्थान को अधिकारियों के समक्ष सरेंडर कर दें। बता दें कि अकबर नगर मामले में एलडीए की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर दिया है। एलडीए ने उक्त प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, 6 मार्च 2024 के आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया था। 


    सभी के लिए है पुनर्वास का लाभ- HC 

    वहीं प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए, न्यायालय ने अपने आदेश में झुग्गीवासियों को दिए जा रहे पुनर्वास की कीमत 4.18 लाख रुपये के स्थान पर 4.79 लाख रुपये संशोधित करने का आदेश भी दिया है। एलडीए की ओर से कहा गया था कि 6 मार्च को निर्णित याचिकाओं में कई ऐसी याचिकाएं थीं जिनके याचिकाकर्ता व्यावसायिक गतिविधि चला रहे हैं। इस पर न्यायालय ने कहा कि 6 मार्च का हमारा आदेश व्यावसायिक कार्य करने वालों पर लागू नहीं होगा, उन्हें 20 मार्च तक कब्जा खाली करना है। हालांकि, न्यायालय ने यह भी कहा कि पुनर्वास के लाभ का आदेश सभी के लिए है।


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