Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव से पहले एक ओर जहां नेताओं का दल बदलने का शिलशिला चल रहा है तो वहीं टिकट कटने से नाराज़ भाजपा कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी लगातार जारी है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ने 200 और बागी को निष्कासित कर दिया है। गोंडा में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इकबाल बहादुर और विधायक बावन सिंह के भाई की पत्नी को निष्कासित किया गया है। बलरामपुर में युवामोर्चा उपाध्यक्ष पार्टी से बाहर किए गए हैं। बता दें कि भाजपा के द्वारा की गयी इस कार्रवाई के बाद निष्कासित होने वालों की संख्या 500 से अधिक हो गयी है।
बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं को बाहर का रास्ता
भाजपा के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसौदिया ने नगर पालिका नकुड़ के पूर्व चेयरमैन धनीराम सैनी सहित दस नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनमें जिला कार्यकारिणी के सदस्य अंकित वर्मा, सरसावा के मंडल अध्यक्ष सुशील कांबोज, सरसावा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन नवीन जैन, सरसावा नगर मंडल के महामंत्री अरविंद पंवार शामिल हैं। बलरामपुर जिले के गैसड़ी से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष प्रिंस वर्मा, तुलसीपुर से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं जिला कार्य समिति सदस्य मुन्नू तिवारी को निष्कासित कर दिया गया है। वहीं, पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बहू के चुनाव लड़ने के कारण व्यवसायिक प्रकोष्ठ के सह संयोजक बनारसी मोदनवाल को पार्टी से निष्कासित किया है।
भाजपा विधायक के भाई भी पार्टी से निष्कासित
अवध क्षेत्र के गोंडा में छह लोगों को निष्कासित किया गया है। पूर्व जिलाध्यक्ष अकबाल बहादुर तिवारी, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी व जिला महामंत्री विष्णु प्रताप नारायण सिंह, जिला कार्यसमिति सदस्य राघवराम तिवारी, जिया सिंह व सुमन देवी को पार्टी से निष्कासित किया गया है। कमलेश सिंह कटरा नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा के बागी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। वह भाजपा विधायक बावन सिंह के भाई तिरपन सिंह की पत्नी हैं। कमलेश सिंह को भी भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया है।
टिकट कटने से नाराज़ भाजपा नेता
ग़ौरतलब है कि, यूपी में दो चरणो में निकाय चुनाव कराया जा रहा है। पहले चरण में चार मई को तो वहीं दूसरे चरण में ग्यारह मई को मतदान होना है। ऐसे इस बार के चुनाव में कई निवर्तमान मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष समेत पार्षदों और सभासदों का टिकट कट गया है। इसी बात से नाराज़ होकर भाजपा नेताओं ने बागी रुख़ अपनाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतर गये। जिसके बाद से लगातार पार्टी के अंदर खाने में कलह मच गयी। संगठन भी इस बात से नाराज़ है। जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई की गयी है।
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