लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेतों की पैमाइश से जुड़े मामलों में देरी को गंभीरता से लेते हुए एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। शासन ने इन अधिकारियों को उनकी मौजूदा तैनाती से हटाकर निलंबित कर दिया और अब इन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में जवाबदेही और पारदर्शिता लाना है, ताकि आम जनता को समय पर सेवा मिल सके। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर उन मामलों में जो सीधे जनता के हित से जुड़े हों।
जानकारी के मुताबिक, जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें लखनऊ मंडल के अपर आयुक्त धनश्याम सिंह (IAS) शामिल हैं। उनके अलावा, पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, और बुलंदशहर की उप जिलाधिकारी रेनु भी इस सूची में शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों पर आरोप है कि जब ये लखीमपुर खीरी में तैनात थे, तब उन्होंने पैमाइश के मामलों में टालमटोल किया और कार्यों में अनावश्यक देरी की।
लखीमपुर खीरी के कई किसानों और निवासियों ने शिकायत की थी कि उनके खेतों की पैमाइश का कार्य लंबे समय से लंबित है, और संबंधित अधिकारियों ने इस कार्य को प्राथमिकता नहीं दी। पैमाइश कार्य की देरी से क्षेत्र में कई विवाद उत्पन्न हो रहे थे, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा था। इस देरी को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इन चारों अधिकारियों को उनके कार्य के प्रति लापरवाही का दोषी माना और उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की।