Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में युवाओं और बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। यूपी सरकार कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का काम कर रही है। तकनीकी शिक्षा देने के लिए प्रदेश में 2800 रजिस्टर्ड संस्थाओं में ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके साथ ही ट्रेनिंग कोर्स देने के बाद संस्थाओं को कम से कम 50 प्रतिशत युवाओं को नौकरी भी दिलानी होती है। हालांकि इस मिशन के जुड़े कई सवाल लोगों के जहन में उत्पन्न हो रहे होंगे कि आखिर युवाओं को कैसे इस योजना का लाभ मिले और इसके क्या कुछ फायदे होंगे। इस सभी के जवाब जानने के लिए कौशल विकास मिशन के प्रबंध निदेशक (MD) आईएएस आंद्रा वामसी से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने 8 सवालों के जवाब देते हुए विस्तृत जानकारी साझा की है।
सवाल- इस मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक आईएएस आंद्रा वामसी ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि जो 14 से 35 आयु वर्ग के जो लोग पढ़ाई नहीं कर रहे हैं और वो बेरोजगार हैं, उनको कौशल विकास के माध्यम से विकसित करते हुए उन्हें रोजगार और नौकरी योग्य बनाना है। उन्होंने बताया कि इस मिशन में शैक्षिक योग्यता अनिवार्य नहीं है ज्यादा से ज्यादा लोग प्रशिक्षण लेने सेंटर्स पर पहुंचे इसलिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस की शुरुआत की गई है। इच्छुक अभ्यर्थी अपना पंजीकरण UPSDM पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं। 14 से लेकर 35 साल तक जितने बच्चे हैं वो www.upsdm.gov.in पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते है। हालांकि, इस बार अटेंडेंस और सेंटर्स को लेकर सख्ती दिखाई है।
सवाल- आवेदन करने का नियम क्या है?
इस मिशन में मुख्य रूप से कैंडिडेट का आवेदन का नियम यह है कि वह हमारे वेबसाइट पर कर सकते हैं। जिसमे डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड पर्याप्त है। छात्र अपना डाटा को भरकर वहां पर रजिस्ट्रेशन कर सकते है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद इनरोलमेंट की सूची बन जाती है। प्रति बैच में न्यूनतम 27 से लेकर 30 बच्चे होते हैं। वह अपनी ट्रेनिंग बैचेज से शुरू कर सकते हैं। ट्रेनिंग सेंटर्स को सरकार अपनी तरफ से प्रशिक्षण केंद्रों को फीस का भुगतान करती है वहीं यूनिफॉर्म का पैसा आवेदकों के बैंक खाते में भेजा जाता है।
सवाल- यूपी में कितने प्रशिक्षण केंद्र बनाये गए है?
यूपी के 75 जिलों में 2800 प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं। वहीं इसकी मॉनिटरिंग जिला कलेक्टर और मुख्य विकास अधिकारी की अगुवाई में 2 डाटा ऑपरेटर तैनात किये गए है। 2023- 24 में कुल मिलाकर 3 लाख आवेदकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसलिए बेरोजगारों को रोजगार योग्य बनाने के लिए कौशल विकास मिशन लगातार काम कर रहा है। इस मिशन में गुणवत्ता पूर्वक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस मिशन के तहत यूपी सरकार की मंशा के अनुरूप आवेदक ट्रेनिंग पूरी करके बड़ी आसानी से नौकरी पा सकते हैं।
सवाल- प्लेसमेंट के लिए क्या बदलाव किए गए हैं?
एमडी आंद्रा वामसी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में कुछ बदलाव भी किए गए हैं क्योंकि पहले सेंटर्स प्रशिक्षण के लिए तो उत्सुकता दिखाते थे लेकिन प्लेसमेंट में अपनी रुचि नहीं दिखाते थे। इसलिए राज्य संचालन समिति बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सारा भुगतान इंस्टॉलमेंट में बाटेंगे और उसको ट्रेनिंग कंप्लीशन 25 परसेंट, प्लेसमेंट का 7 परसेंट फिर प्लेसमेंट का 50 परसेंट या अनिवार्य रूप से कर दिया गया था। बता दें कि पहले विभाग ट्रेनिंग सेंटर को 70% भुगतान प्रशिक्षण देने के लिए करते थे, इसके बाद 30 परसेंट प्लेसमेंट करने के बाद दिया जाता था।
सवाल- ग्रामीण इलाकों में लोगो को कैसे जागरूक करते है?
आंद्रा वामसी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस मिशन को जन- जन तक पहुंचाने के लिए प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पोर्टल के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 108 रुपये की आर्थिक मदद भी की जाती है। इसके साथ ही दो जो जोड़ी ड्रेस भी दी जाती है। इसके साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है। वहीं अभ्यर्थियों के लिए रहने और खानपान की व्यवस्था भी की जाती है। इस मिशन में जो पाठ्यक्रम है उसमें ऑनलाइन लर्निंग माध्यम की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। लेकिन हमारी मेहनत में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। बच्चों को हमारे ट्रेनिंग पार्टनर के माध्यम से गुणवत्ता पूर्वक प्रशिक्षण में कोई कमी नहीं होने दिया जा रहा है।
सवाल - अब तक कितने बेरोजगारों को मिली है नौकरी?
आंद्रा वामसी ने बताया प्रत्येक वित्तीय वर्ष विभाग 3 लाख बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जाता है। पिछले वर्ष लगभग 70000 प्लेसमेंट हुआ था। जिसमें 20% की अवधि से कम हुआ है। इसलिए ट्रेनिग सेंटर्स पर भी सख्ती की गई है। वहीं एक समय ऐसा था जब हम लोग ये प्रशिक्षण स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को ही दे पाते थे। कौशल विकास मिशन के तहत फैशन डिजाइनिंग,कंट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स और जूलरी, लेदर टेक्नोलॉजी, प्लंबर, कंप्यूटर ट्रेनिंग, पेंटिंग, ड्राइविंग, वेल्डर समेत 700 से अधिक ट्रेडो में युवाओं की रुचि के अनुसार निशुल्क ट्रेनिंग देने का काम किया जा रहा है।
ट्रेनिंग सेंटर्स के खिलाफ किस तरह की सख्ती की गई है ?
आंद्रा वामसी ने बताया कि यूपी के कौशल विकास मिशन सेंटर है, जो ट्रेनिग के माध्यमो से संचालित किए है। अगर वो मानक के विपरीत, खराब परफॉर्मिंग वाले सेंटर्स हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसके साथ ही उनके खिलाफ 5- 5 लाख की पेनाल्टी भी लगाई जाती है। अभी तक 500 सेंटर्स को बर्खास्त किया गया है। वहीं 435 नए सेंटर्स को जोड़ा गया है। जिससे स्टार्टअप पार्टनर जिले में अच्छी तरीके से प्रशिक्षण दे सकते हैं।
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