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    Uttar Pradesh News:  गोरखपुर मे एक ऐसे टेलर्स है जिनका हर कोई दीवाना है कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने सिलवाए कपड़े अगर पहनेंगे तो इसी टेलर्स के दुकान से सिल्वा कर, जी हां गोरखपुर के मटकू टेलर्स इतने फेमस हैं की इनके यहां लोगों की लाइन लगी रहती है। कई बार तो लोगों को उनके कपड़े सिलवाने के लिए महीनों तक यहां छोड़ना पड़ता है। लोग तो लोग सांसद विधायक तक के कुर्ते पजामे और जैकेट इन्हीं मटकू टेलर्स के पास सिलाते हैं।


    1944 से शुरू हैं मटकू टेलर्स का काम 

    गोरखपुर में मटकू टेलर्स कुर्ते पजामे सिलने के लिए जाने जाते हैं। दुकान पर बैठने वाले रशीद अहमद ने बताया उनके पिता जी ने इसकी शुरुआत 1944 में की थी और उनके पिताजी का ही नाम मटकू था जिनके नाम पर इस टेलर्स का नाम पड़ा पिता जी के समय मे बहौत कम पैसो मे सिलाई होती थी। आज पिताजी के इस बिजनेस को रशीद अहमद और उनका लड़का आगे बढ़ा रहे है आज कुर्ते 700 सौ मे तो जैकेट 1800 सौ और पैन्ट 600 मे सिलाते है। रशीद गोरखपुर में बैठ के इसको चलाते हैं तो लड़का लखनऊ में इसकी शुरुआत किया है। इस नाम के पीछे काम का भी बहुत बड़ा हाथ है पिताजी के हाथों में वो हुनर था जिससे शहर के लोग उनके पास आते थे। एक बार जो भी यहां के कुर्ते पजामे और जैकेट पहन लिया वह लोग दोबारा जरूर आते हैं।


    मटकू के हैंड वर्क कुर्ते हैं मशहूर

    गोरखपुर में मटकू टेलर्स के पास कोई कपड़े सिलवाता है तो कोई कुर्ते लेकिन सबसे ज्यादा चर्चे इनके हैंड वर्क कुर्तों की होती है। आस पास चार-पांच जिलों के विधायक सांसद से लगाए युवाओं के लिए कुर्ते पजामे जैकेट मटकू टेलर्स के यहां तैयार होते हैं। रशीद अहमद बताते है कि जबसे पॉलिटिक्स में मोदी जी आए हैं तब से लड़के खास करके जैकेट्स बहुत सिलवाते हैं। पिछले कुछ समय से हमारे यहां जैकेट की मांग भी बढ़ी है लेकिन आज भी हम अपने कस्टमर को पिता जी के जैसा जैकेट और कुर्ता पजामा पहनाते हैं। भीड़ जाते होने की वजह से कभी-कभी कस्टमर को लंबा इंतजार करना पड़ता है लेकिन फिर भी वह कस्टमर हमारे यहां दोबारा जरूर आते हैं।


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