Uttar Pradesh News: यूपी के इटावा में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जिले की व्यवस्थाएं और स्वास्थ्य सुविधाएं परखने के लिए पहुंचे। बुधवार को करीब 11 बजे सैफई हवाई पट्टी पर उनका हेलिकॉप्टर उतरा। यहां से वह सीधे 500 बेड के निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान बृजेश पाठक ने प्रोजेक्ट मैनेजर को हर हाल में नवंबर तक हॉस्पिटल का निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। हलाकि उन्होंने कहा इसमें धन की कोई कमी नहीं आने देंगे। यहां से वह सैफई ट्रामा सेंटर पहुंचे और कुछ देर निरीक्षण करने के बाद वह इटावा के लिए रवाना हो गए।
वहीं शहर में बसी मलिन बस्ती मड़ैया शिवनरायन का निरीक्षण भी किया। इसके बाद भाजपा के जिला कार्यालय पर पार्टी नेताओं और जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक की। आपको बता दें कि भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार जिले की व्यवस्थाएं देखने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक इटावा पहुंचे।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी की समीक्षा बैठक
डिप्टी सीएम करीब तीन घंटे तक जिले में रहे। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थितियां परखने के साथ ही विकास परियोजनाओं को लेकर जिला संगठन के साथ भी समीक्षा बैठक की। जानकारी के मुताबिक इसमें उन्होंने नगर निकाय चुनाव में मिली करारी हार को लेकर भी मंथन किया है।
अक्सर विवादों में रहता है जिला अस्पताल
इटावा का जिला अस्पताल का विवादों से नाता काफी पुराना है। लगभग 20 दिन पहले इमरजेंसी के अंदर तक दलालों ने घुसपैठ की शिकायत हुई थी। एक मरीज बरगलाकर बाहर मेडिकल स्टोर से दवा एक दलाल ने दिलवा दी थी, जबकि डॉक्टर ने तब तक दवा लिखी भी नहीं थी।
वार्ड ब्वाय ने मेडिकल के नाम मांगे थे 1500
मेडिकल कराने के नाम पर वार्ड ब्वाय की ओर से 15 सौ रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा किया था। सीएमएस ने इस मामले में जांच बैठाई थी। उधर, कई बार ऑपरेशन कराने के नाम पर रिश्वत मांगने के भी आरोप लग चुके हैं। अस्पताल में दवाओं की कमी भी एक समस्या है।
बिना रोक-टोक पहुंचते हैं एमआर
जिला अस्पताल में बिना रोक टोक के मेडिकल रिप्रेंजेटिव सुबह से ही डॉक्टरों के चैंबर में आ धमकते हैं। लिहाजा डॉक्टर बाहर की दवा लिखते हैं। अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर वाले मरीजों के हाथ में पर्चा लिए व्यक्ति को देखते ही आवाज लगाकर और हाथ के इशारे से बुलाने लगते हैं।
वहीं सीएमओ डॉ. गीताराम, ने बताया कि डिप्टी सीएम निरीक्षण करने आए हैं। सब कुछ व्यवस्थित है, जो कमी दिखी उसे ठीक कराने के साथ साफ सफाई रखने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टर दवाएं बाहर की न लिखें इसके निर्देश दिए हैं।
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