लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सीएसआईआर नेट पेपर (CSIR NET PAPER) में सेंधमारी की घटना में STF को बड़ी सफलता मिली है। यूपी STF ने शनिवार को इसका खुलासा करते हुए NSEIT कम्पनी के 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें सुभारती यूनिवर्सिटी का IT मैनेजर और 3 महिला अभ्यार्थी शामिल हैं। ये लोग मोटी रकम लेकर रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिये प्रश्नपत्र (Question Paper) हल करवाते थे। वहीं आरोपी अरुण अभ्यर्थियों से इसके लिए 50- 50 हजार रुपए लेता था।
IT मैनेजर समेत 7 गिरफ्तार
इस मामले STF कार्रवाई करते हुए अरूण शर्मा, विनीत कुमार, अंकुर सैनी, अंकित, मोनिका कुमारी, ज्योति को गिरफ्तार किया है। वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ कि सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में नियुक्त आईटी मैनेजर अरुण शर्मा ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक अनधिकृत सीपीयू तैयार किया था, जिसे परीक्षा लैब और सर्वर के नेटवर्क से जोड़ा गया था। यह घोटाला परीक्षा लैब असिस्टेंट विनीत कुमार और NSEIT कंपनी के सर्वर ऑपरेटर अंकुर सैनी की मदद से संचालित हो रहा था।
AnyDesk के जरिए होता था खेल
आईटी मैनेजर अरुण शर्मा ने अपने कमरे में अनधिकृत सीपीयू तैयार किया और इसे परीक्षा लैब और सर्वर नेटवर्क से जोड़ा। वहीं लैब असिस्टेंट विनीत कुमार और सर्वर ऑपरेटर अंकुर सैनी ने परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के सिस्टम का आईपी एड्रेस पता करके उसे परीक्षा केंद्र के बाहर बैठे अपने साथियों को बता दिया। इसके बाद तैयार किए गए इस अनधिकृत सिस्टम का एक्सेस रिमोट एक्सेस टूल AnyDesk के माध्यम से अजय उर्फ बच्ची को दिया गया, जो बाहर से प्रश्न-पत्र हल कराते थे।
पूछताछ में सामने आए ये तथ्य
सुभारती कॉलेज, मेरठ में स्थित 6 लैब में NSEIT कंपनी द्वारा परीक्षा कराई जा रही थी, जिसके लिए 2 नोड सिस्टम तैयार किए गए थे। कंपनी के 2 कर्मचारी अंकुर सैनी और राहुल को परीक्षा सॉफ्टवेयर लैब के सिस्टम में रन कराने के लिए बूटेबल पेन ड्राइव दी गई थी। अरुण शर्मा ने लालच देकर अंकुर सैनी से उसकी पेन ड्राइव प्राप्त की और राहुल की पेन ड्राइव चोरी कर ली।
इन पेन ड्राइव का उपयोग करके अनधिकृत सिस्टम में AnyDesk सॉफ्टवेयर के माध्यम से अजय उर्फ बच्ची ने कुछ अन्य फाइलें इंस्टॉल कीं, जिससे परीक्षार्थी के क्लाइंट कंप्यूटर की डिस्प्ले को कंपनी का सर्वर न पकड़ सके। वहीं चेकिंग के दौरान अरुण शर्मा अपने साथियों को Start और Stop का मैसेज भेजता था ताकि चेकिंग के दौरान कोई पकड़ में न आए। अरुण शर्मा को प्रति अभ्यर्थी 50 हजार रुपये मिलते थे, जिसमें से वह विनीत कुमार और अंकुर सैनी को 10-10 हजार रुपये प्रति अभ्यर्थी देता था।