Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय होने के बावजूद कई जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। 22 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 52 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है, जबकि 22 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में प्रदेश के अधिकांश जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई है। पूरे राज्य में अब तक सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
पश्चिमी यूपी के 20 जिलों में औसत से कम बारिश
मौसम विभाग के वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है। इस बदलाव के कारण कुछ इलाकों में भारी बारिश हो रही है, जबकि कुछ क्षेत्रों में बिल्कुल भी बारिश नहीं हो रही है। उदाहरण के तौर पर, फतेहपुर जिले में इस बार सबसे कम बारिश हुई, जबकि बलरामपुर में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 33 में से 20 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है, और शामली जिले में सबसे कम बारिश हुई, जबकि औरैया जिले में सबसे ज्यादा बारिश हुई है।
मानसून में आया बदलाव- प्रोफेसर
कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो गई है, जैसे कानपुर और उन्नाव में गंगा नदी खतरे के निशान पर है। लखीमपुर खीरी के ढाई सौ घरों में शारदा नदी का पानी भर गया है, और वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर डेंजर लाइन के बराबर पहुंच गया है, जिससे 40 घाट डूब गए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ध्रुव सेन सिंह के अनुसार, मानसून में काफी बदलाव आया है, और यह देखा जा रहा है कि अब बारिश का समय एक महीने आगे शिफ्ट हो गया है। जुलाई-अगस्त में होने वाली बारिश अब सितंबर में होर ही है।