Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक सीरियल साइको किलर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपी का नाम कुलदीप है, जो नवाबगंज के बाकरगंज समुआ गांव का रहने वाला है। पूछताछ के दौरान कुलदीप ने 6 महिलाओं की हत्या करने की बात कबूल की है। उसने बताया कि वह महिलाओं को गला दबाकर मारता था और जाते समय उनकी निशानी के रूप में उनके गहने ले जाता था।
बरेली में पिछले 13 महीनों में एक ही पैटर्न से 11 महिलाओं की हत्या की गई थी, जिनमें से अधिकांश मामले अब तक अनसुलझे थे। सभी हत्याओं का तरीका एक जैसा था, जिससे पुलिस को शक हुआ कि यह एक ही व्यक्ति का काम हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने इन मामलों को सीरियल किलिंग के एंगल से जांचना शुरू किया।
तीन दिन पहले पुलिस ने संदिग्ध का स्केच जारी किया, जिसके बाद उन्हें कई टिप्स मिले। मुखबिर की पुष्टि के बाद पुलिस ने कुलदीप को नवाबगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि कुलदीप की मानसिक स्थिति सही नहीं है, और उसकी हरकतों की वजह से उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई थी। पत्नी के जाने के बाद कुलदीप ने महिलाओं की हत्या करना शुरू कर दिया।
बरेली के SSP अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस ने सभी महिलाओं के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण किया और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स से परामर्श लिया। इसके अलावा, कुछ घटनास्थलों पर हिडेन कैमरे भी लगाए गए, जिससे उन्हें सबूत मिले और साइको किलर को पकड़ने में सफलता मिली।
कुलदीप ने पुलिस को बताया कि उसकी मां और दो सगी बहनों की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां से उसे हमेशा नफरत रही, क्योंकि वह उसे अक्सर पीटती थी। 2014 में उसकी शादी हुई, लेकिन पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई, जिससे वह नशे का आदी हो गया और इधर-उधर भटकने लगा। किसी भी महिला को देखते ही उसका खून खौल उठता था और उसने उन्हें मारने की योजना बनानी शुरू कर दी।
कुलदीप ने बताया कि वह इलाके की हर पगडंडी और सड़क से वाकिफ है और कभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था। जब वह किसी महिला को मारने निकलता था, तो पहले सुनिश्चित कर लेता था कि उसे किसी ने महिला के पीछे जाते हुए नहीं देखा है। यदि रास्ते में कोई अन्य व्यक्ति मिल जाता, तो वह उस दिन वारदात नहीं करता था। मौका मिलते ही वह महिलाओं को गला दबाकर मार देता था, और इसके लिए वह उनकी साड़ी या दुपट्टे का इस्तेमाल करता था। खास बात यह थी कि वह गले में बाईं तरफ साड़ी या दुपट्टे से गांठ बांध देता था, क्योंकि उसे लगता था कि इससे महिला फिर से जिंदा नहीं हो पाएगी।