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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेशपाल हत्याकांड के बाद अब योगी सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है। यही वजह कि मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची जारी कर दी गई है। इसमें उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स के अलावा 27 इनामी बदमाशों की तलाश है। जिन पर 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का इनाम घोषित है। बता दें कि यूपी पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट में राशिद नसीम का नाम भी शामिल है। जिसके खिलाफ पुलिस ने 5 लाख का रखा है। मूल रूप से प्रयागराज के करेली निवासी राशिद पर प्लाट और विभिन्न लुभावनी योजनाओं के नाम पर लोगों से करीब 60 हजार करोड़ की ठगी का आरोपित है।


    सिर्फ लखनऊ में दर्ज हैं 500 केस 

    यूपी के तमाम शहरों में शाइन सिटी के नाम से हाउसिंग सोसायटी से अरबों रुपये डकार कर फरार राशिद नसीम अब दुबई में रहता है। राशिद नसीम शाइन सिटी फ्रॉड केस का बड़ा मास्टरमाइंड है जिस पर देश भर में इतने केस दर्ज हैं जिसकी गिनती भी कर पाना मुश्किल है। वहीँ अगर सिर्फ लखनऊ की बात करें तो यहाँ 500 से अधिक मुकदमें दर्ज है। हालाकिं, 2 दर्जन से अधिक इसके सानिध्य में काम करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चूका है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी राशिद नसीम नहीं पकड़ा जा सका।


    इन कंपनियों ने नाम पर की ठगी 

    मेसर्स शाइन सिटी डेवलपर्स, मेसर्स शाइन सिटी बिल्डर्स, मेसस शाइन सिटी इरेक्टर व मेसर्स शाइन सिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के नाम पर ठगी के केस दर्ज हुए थे। आरोपी साल भर में रकम दोगुना करने का झांसा देकर लोगों का पैसा अपनी कंपनियों मे निवेश कराते थे। साथ ही अपनी कंपनी के जरिए लोगों से यह कहकर जमीन बेचता था कि साल भर बाद उस जमीन को दोगुने दाम पर उसकी कंपनी वापस खरीद लेगी। जनवरी, 2021 में ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की थी।


    36 करोड़ की संपत्ति हो चुकी जब्त 

    ईडी ने जांच के दौरान राशिद नसीम को कई बार समन जारी किया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। इस दौरान मालूम हुआ कि वह नेपाल के रास्ते दुबई भाग गया है। राशिद नसीम जानता था कि उसके फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ एक दिन जरूर होगा, इसलिए देश छोड़ने से पहले उसने विदेशी लेनदेन के लिए अधिकृत गुजरात की एक कंपनी के जरिये 30 करोड़ से ज्यादा रुपये सुरक्षित तरीके से अपने करीबियों के बैंक अकाउंट में विदेश भेजवा दिया था। जानकारी के मुताबिक़, इस पूरे ठगी के खेल में करीब 10 लाख लोग शिकार हुए हैं। बता दें कि कार्रवाई के नाम पर अबतक करीब 36 करोड़ की संपत्ति जब्त भी हो चुकी है। ये संपत्तियां लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, रायबरेली, फतेहपुर, जालौन, मिर्जापुर व गोरखपुर के अलावा भारत के अन्य इलाकों में हैं।


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