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    लखनऊ: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने यूनिफाइड पेंशन योजना का विरोध किया है। मंगलवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देश और प्रदेश के लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे थे लेकिन कर्मचारियों के प्रदर्शन के बावजूद सरकार ने नहीं ध्यान दिया। अब जब देश के चार राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र सरकार यूनिफाइड पेंशन योजना UPS लेकर आई है। वो दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को वांछित करेगी। इसलिए संजय सिंह ने मांग की है कि दलितों पिछड़ों और आदिवासियों को बगैर भेदभाव से पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए।


    UPS को लेकर संजय सिंह ने कही ये बात 

    संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जो यूपीएस लेकर आई है। उसकी हकीकत मैं जानता हूं यह पूरी तरह से दलितों आदिवासियों को पेंशन स्कीम से वांछित करेगी। ये सरकार कर्मचारी का पैसा लेकर कर्मचारियों को पेंशन देने की योजना ऐसा सरकार को नहीं करना चाहिए। वहीं वक्फ बोर्ड को लेकर सरकार तीन- चार भ्रांतियां फैला रही है कि अगर किसी जमीन को वक्फ बोर्ड अपनी बताएगा तो वो जमीन उसकी हो जाएगी। न जाने बीजेपी के लोग ये बातें कहां से लाते हैं। संजय सिंह का आरोप है कि सरकार इस अधिनियम के जरिए वक्फ की जमीनों पर कब्जा करना चाहती है।


    सरकार ने लागू की UPS योजना 

    बता दें कि केंद्र सरकार ने एक नई पेंशन योजना का ऐलान किया है, जिसका नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है। इस योजना के तहत, अगर कोई सरकारी कर्मचारी न्यूनतम 25 साल तक सेवा करता है, तो उसे रिटायरमेंट से पहले की अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। योजना में यह भी है कि यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को उस समय तक मिलने वाली पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा। वहीं, अगर कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा के बाद नौकरी छोड़ देता है, तो उसे 10,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। UPS का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और न्यूनतम पेंशन की गारंटी प्रदान करना है।


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