लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी है। मंगलवार को उन्हें 50- 50 हजार रुपए दो मुचलकों पर 12 अगस्त तक जमानत मिली है। संघमित्रा पर बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने का आरोप है। इस संबंध में उन्हें कई बार नोटिस भी जारी किया गया है हाजिर ना होने के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानवती वारंट जारी किया था।
हलफनामे में बताया था अविवाहित
लखनऊ की एसीजेएम तृतीय MP-MLA अलोक वर्मा की कोर्ट में संघमित्रा मौर्या और अन्य के खिलाफ दो घंटे तक सुनवाई चली। सुनवाई के बाद संघमित्रा को जमानत दे दी गई है। संघमित्रा मौर्या बदायूं से भाजपा की पूर्व सांसद हैं। उन्होंने चुनावी हलफनामे में खुद को अविवाहित बताया था, जिसके कारण उनके परिवार में विवाद उत्पन्न हो गया।
संघमित्रा के खिलाफ ये आरोप
दीपक कुमार स्वर्णकार, जो सुशांत गोल्फ सिटी के निवासी हैं। उनके द्वारा संघमित्रा और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्या समेत अन्य के खिलाफ अदालत में परिवाद दाखिल किया। आरोप है कि 2016 से संघमित्रा के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने के दौरान उसे बताया गया था कि उसका पहले विवाह से तलाक हो गया। इस जानकारी के आधार पर वादी ने 3 जनवरी 2019 को संघमित्रा से विवाह कर लिया। बाद में जब उसे पता चला कि संघमित्रा का तलाक नहीं हुआ था, तो उसने विवाह को छुपाने के लिए जानलेवा हमला भी झेला।
2019 में बदायूं से बनी थी सांसद
कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी कोर्ट में न हाजिर होने के कारण, 19 जुलाई को एमपी एमएलए कोर्ट ने संघमित्रा और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्या को भगोड़ा घोषित कर दिया था। बता दें कि संघमित्रा मौर्या ने 2011 में कासगंज जनपद के सिढ़पुरा से अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 2019 में बदायूं सीट से भाजपा के टिकट पर सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था।