लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं अब इसे विभागीय लापरवाही कहें या जिम्मेदारों की उदासीनता, लेकिन हकीकत यही है कि मवेशी उनकी फसल बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। किसान को भले ही देश का अन्नदाता कहा जाता हो लेकिन लखनऊ से सटे गांवो का किसान बेहद परेशान है। किसानों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में खेती से सिर्फ खाने भर की फसल ही हो पति है। बता दें कि आलू की फसल के बाद इन दिनों धान की रोपाई की जा रही है।
आवारा पशु से फसल बचाने के लिए करनी पड़ती है निगरानी
धान की रोपाई करने वाले लखनऊ के किसानों ने वर्तमान हालातों बारे में कई बातें कही। हर एक बात पर किसानो ने अपना दर्द बयां किया। किसान महेश यादव ने कहा कि हम लोगों की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशु हैं। क्यूंकि उनसे फसल बचाने के लिए रात दिन निगरानी करनी पड़ती है। वहीँ जरा सा भी अगर खेत से नजर हट जाती है तो सांड खेतों में कबड्डी खेलने लगते हैं जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। वहीँ किसान लालू ने कहा कि अगर सरकार इसके लिए कुछ बेहतर कदम उठा ले तो सभी का भला हो जायेगा।
4 महीने में तैयार हो जाती है धान की फसल
वहीँ चंद्रभान ने कहा कि वर्तमान समय में इतनी महंगाई है कि सात सौ रूपये बोरी मिलने वाली खाद अब 1500 रूपये में मिल रही है। यहाँ तक सिंचाई भी डीजल की वजह से आसमान छू रही है। जबकि धान की खेती के लिए सबसे ज्यादा सिंचाई की जरुरत होती है। किसान सुरेश ने कहा कि 4 महीने में धान की फसल तैयार हो जाती है लेकिन इस दौरान हर 15 दिन के बाद सिंचाई करनी पड़ती है बाजार में जो खाद मिलती है वो भी अच्छी गुणवत्ता की नहीं मिल रही है।
किसानों को बहाने पड़ रहे आंसू
वर्तमान समय में किसान धान की फसल तैयार करने के लिए खेतों में रोपाई तैयार कर रहे हैं। ऐसे में किसानों की फसल नहीं बच पा रही है। भारी-भरकम तामझाम के बाद भी किसानों को सिर्फ और सिर्फ मायूसी के आंसू बहाने पड़ रहे है। किसान कि सभी व्यवस्थाओं के बावजूद भी आवारा पशु खेतों में घुस जाते हैं और फसल को नष्ट कर दे रहे हैं। हर सीजन की फसल के दौरान आवारा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहे हैं। गांव में बनी गौशाला भी अव्यवस्थाओं का शिकार है।
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