बिधनू स्थित लवकुश आश्रम के करौली सरकार बाबा उर्फ डॉ. संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ नोएडा के डॉक्टर ने उनके चमत्कार का विरोध करने पर नाक लगाया है। पुलिस ने पुलिस कमिश्नर के आदेश पर बाबा व उनके सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
नोएडा, सेक्टर-48 में रहने वाले डॉ. सिद्धार्थ चौधरी ने पुलिस कमिश्नर को बताया कि वह कुछ घरेलू समस्याओं से जूझ रहे थे। इस बीच यू-ट्यूब पर कानपुर, बिधनू में लवकुश आश्रम में करौली सरकार बाबा के कुछ वीडियो देखे। वीडियो में अपनी समस्याएं लेकर आने वाले लोगों को बाबा सिर्फ कुछ मंत्रों से दूर करते नजर आए थे। इसी लालच में वह भी बीती 22 फरवरी 2023 को पिता डॉ. वीएस चौधरी, मां रेनू चौधरी व पत्नी प्रियंका के साथ बिधनू स्थित आश्रम पहुंचे। शाम को बाबा के सामने उन्हें पेश किया गया।
बाबा ने परेशानी और आश्रम आने का कारण पूछा। इस पर डॉक्टर ने बाबा को बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से उनके चमत्कारों की जानकारी हुई थी। परिवार के कल्याण के लिए आश्रम आने की बात बोली। इस बाबा ने चमत्कार दिखाने की मंशा से माइक पर जोर से फूंक मारते हुए ओम शिव बैलेंस... बोला लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ। यह बताने पर बाबा ने दोबारा यही प्रक्रिया दोहराई। इससे भी कोई प्रभाव न होने की बात बताने पर बाबा ने डांटते हुए पगलैट कहा और भगाते हुए अपने सेवादारों को बुला लिया।
सेवादार पास के एक कमरे में ले गए और लात, घूसों, लोहे के कड़े व सरिया आदि से बुरी तरह डॉ. सिद्धार्थ चौधरी को पीट डाला। जिससे उनकी नाक की हड्डी टूट गई थी, सिर में कई जगह चोट आई थी। किसी तरह परिवार के साथ जान बचाकर वह नोएडा पहुंचे। इलाज कराने के बाद कानपुर के एक मित्र की मदद से सारे साक्ष्य लेकर शनिवार को सीपी बीपी जोगदंड के पास पहुंचे। सीपी के आदेश पर बिधनू पुलिस ने बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया व उसके सेवादारों के खिलाफ मारपीट, गालीगलौज व गंभीर चोट पहुंचाने की धारा में एफआईआर दर्ज की।
2600 की रसीद कटाने पर मिले थे बाबा
डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार, उन्होंने आश्रम में प्रक्रियानुसार 2600 की रसीद कटाई थी। इसके बाद उन्हें बाबा के सामने पेश किया गया था। उनका आरोप है कि हजारों की भीड़ के सामने उन्होंने बाबा के चमत्कार का विरोध किया था, जिससे बाबा ने खुन्नस में उन्हें पिटवाया। इससे लोगों में दहशत हो और वो बाबा के फर्जी चमत्कार पर अपनी हामी भर सकें।
वर्ष 1992-95 के बीच हत्या, सेवन सीएलए समेत दर्ज हुए थे कई मामले
नोएडा से आए डॉ. सिद्धार्थ चौधरी से मारपीट के मामले में आरोपी करौली बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया का आपराधिक इतिहास रहा है। वर्ष 1992-95 के बीच हत्या, सेवन सीएलए समेत कई आपराधिक मामले उस पर दर्ज हुए थे। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए वह किसानों का नेता बनकर जमीनों पर अवैध कब्जे करने लगा।
यहां तक की कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चर्च की जमीन का एग्रिमेंट कराकर रुपये तक हड़पने का आरोप भी है। फिर बिधनू में भूदान पट्टा पर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर कब्जा कर आश्रम खोल लिया। यू-ट्यूब पर मंत्र से समस्याएं हल करने के वीडियो अपलोड करने लगा। उसके करौली बाबा नाम से बने यू-ट्यूटब चैनल में 93 हजार सब्सक्राइबर हैं।
वर्ष 1994 में हुई थी एनएसए की कार्रवाई
संतोष भदौरिया के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर 14 अगस्त 1994 को एनएसए की कार्रवाई हुई थी। जिसकी संख्या 14/जे/ए एनएसए 1994 है। संतोष एनएसए हटाने के लिए गृह सचिव को पत्र भेजा था। पत्र में संतोष ने बताया था कि वह वर्ष 1989 से किसान यूनियन में कार्यकर्ता था। वह भरतीय किसान यूनियन में जिलाध्यक्ष भी था।
1992 में फजलगंज में हुई हत्या में आया था नाम
चार अगस्त 1992 में फजलगंज थाना क्षेत्र में शास्त्रीनगर निवासी अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में राज कुमार ने संतोष भदौरिया व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उस दौरान उसका नाम प्रकाश में आया था। जिसका अपराध संख्या 218 है। मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। 27 मार्च 1993 को संतोष भदौरिया को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
वहीं वर्ष 7 अगस्त 1994 को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी वेद पाल सिंह ने संतोष भदौरिया व उनके साथियों के खिलाफ गाली गलौज, मारपीट, क्रिमिनल एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद 12 अगस्त 1994 को महाराजपुर थाने में तैनात तत्कालीन कांस्टेबल सत्य नारायण व संतोष कुमार सिंह ने चकेरी थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालना, मारपीट करने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा बर्रा में भी उसके खिलाफ वर्ष 1995 में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसका अपराध संख्या 443 है।
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