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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 को वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति, विरासत, और अध्यात्म का प्रतीक बनाने के लिए प्रचार अभियान तेज कर दिया है। इसी क्रम में मंगलवार को यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने महाकुंभ में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। शास्त्री भवन में आयोजित बैठक में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अफसर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। इस दौरान डिप्टी सीएम ने अफसरों को निर्देशित किया है कि किसी भी हाल में श्रद्धालुओं को असुविधाओं का सामना न करना पड़े। 


    मेला परिसर में 360 बेड के अस्थायी अस्पताल 

    समीक्षा बैठक के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ संपन्न होने जा रहा है ऐसे में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। महाकुंभ में आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु और साधु-संतों को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत ना आए। यदि कोई दिक्कत आती है तो उससे निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। 100 बेड का 1 अस्पताल बनाया जा रहा है। वहीं 25 और 20 बेड के 2 अस्थायी अस्पताल बनाए जा रहे हैं हर सेक्टर में 10- 10 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। डिप्टी सीएम ने बताया कि कुल मिलाकर 360 बेड मेला परिसर में रहेंगे जहां लोगों को भर्ती करके इनडोर इलाज कर सकें। इसके अलावा प्रयागराज मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में 3 हजार अतिरिक्त बेड सुरक्षित किए गए और आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों के 3 हजार बेड आरक्षित किए गए हैं। 


    दुनिया का सबसे बड़ा हेड काउंट दर्ज करने का रखा है लक्ष्य 

    बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होने वाले महाकुंभ को न केवल भव्य बनाने, बल्कि इसे तकनीकी दृष्टि से विश्व स्तरीय आयोजन में बदलने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है। प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर दुनिया का सबसे बड़ा हेड काउंट दर्ज करने का लक्ष्य रखा गया है।  


    744 अस्थायी और 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरे

    महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए कुल 744 अस्थायी और 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे अत्याधुनिक एआई एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए भीड़ की सटीक गिनती करेंगे। वहीं प्रमुख स्नान घाटों पर पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे श्रद्धालुओं की पहचान और ट्रैकिंग में मदद करेंगे, जिससे उनकी गतिविधियों पर बेहतर निगरानी रखी जा सकेगी।  


    आरएफआईडी रिस्टबैंड का उपयोग

    हर श्रद्धालु को एक आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) रिस्टबैंड दिया जाएगा, जिसमें उनकी एंट्री और एग्जिट टाइम दर्ज किया जाएगा। यह तकनीक सुनिश्चित करेगी कि घाट पर एक श्रद्धालु ने कितना समय बिताया और वह कितनी बार मेला क्षेत्र में प्रवेश और निकास कर चुका है। महाकुंभ 2025 अपनी भव्यता, आध्यात्मिकता, और आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए इतिहास में दर्ज होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा, और आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रयास अभूतपूर्व है।


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