Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते दिनों हुए दो हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। 24 फ़रवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई। यूपी पुलिस भले उमेश पाल की शामिल 4 बदमाशों को ढेर कर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन, अगर इस मामले से हटकर बात करे तो यूपी में कई ऐसे अपराधी अभी भी हैं जिनके खिलाफ लाखों रूपये का इनाम है। उसके बावजूद वो फरार हैं। इसमें सहारनपुर से बसपा से पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल का नाम भी शामिल है। सफेदपोश नेता के रूप में काम करने वाले इकबाल की ज़िंदगी भी जरायम से भरी पड़ी है।
जरायम की दुनिया से कमाई अरबों की संपत्ति
मिर्जापुर गांव की तंग गलियों में छोटी सी परचून की दुकान चलाने वाला इकबाल अरबों की संपत्ति का मालिक बना। इसके बाद समय बदला तो धीरे-धीरे उसके गुनाहों का पर्दाफाश होता गया। फिलहाल उसके खिलाफ एक लाख का इनाम हैं। वहीँ बेटे, भाई समेत परिवार के कई सदस्य जेल में हैं। बता दें कि पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की कई सौ करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है।
परचून की दुकान से शुरु किया धंधा
इकबाल की ज़िंदगी भी माफिया अतीक की तरह ही रही है एक समय ऐसा था कि तंगहाल इकबाल को उनके पिताजी ने घर के बाहर ही परचून की दुकान खुलवा कर दी थी। उसके बाद इकबाल ने इंदिरा गांधी के समय में चलाई गई नसबन्दी स्कीम में कई लोगों की नसबन्दी कराई और उन लोगों को मिलने वाले पैसे में से हेरफेर की। उसके बाद इकबाल लकड़ी की तस्करी के धंधे में आ गया, जहां उसने मोटा पैसा कमाया। हालांकि, उस दौरान थाना मिर्जापुर में मुकदमे भी लिखे गए।
2016 से शुरू हुई मुश्किलें
बता दें कि सहारनपुर का बादशाह कहे जाने वाले हाजी इकबाल उर्फ बाल्ला की मुश्किलें सबसे पहले उस समय शुरू हुई जब 2016 में बीएसपी नेता के पास 10 हजार करोड़ रुपये की ब्लैक मनी की प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू कर दी। इसके बाद एमएलसी रहे बीएसपी नेता हाजी मोहम्मद इकबाल ब्लैक मनी के दलदल में फंसते चले गए। ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इकबाल पर लगे आरोपों की जांच में लग गई। फिर के गुनाहों की उलटी गिनती शुरू हुई और एक के बाद एक मुक़दमे दर्ज होते चले गए।
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