लखनऊ: वैसे तो ज़िन्दगी में कामयाबी पाने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है लेकिन इसमें एक चीज़ बेहद जरूरी होती है जिसे जूनून कहते है, अगर किसी इंसान में जूनून आ जाता है तो फिर वो बड़े से बड़े काम को लाख कठिनाइयों के बाद भी पूरा कर देता है। दरअसल, लखनऊ के इन्दिरा नगर सेक्टर 19 में पूर्वा धवन रहती हैं। जिन्होंने मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर अपने परिवार और देश का मान बढ़ाया है। वहीं इससे पहले उत्तराखंड, लेह-लद्दाख व नेपाल की चोटियों पर तिरंगा फहराकर कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं। जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पूर्वा के मुरीद हैं।
सफर के दौरान कई बार टूटा हौसला
पूर्वा ने 14 जून की सुबह मोसी तंजानिया के मचाने गेट से चढ़ाई शुरू की। रोजाना करीब एक हजार मीटर चढ़ाई करने के बाद 8 से 10 किलो मीटर का सफर भी तय करना पड़ता था। जैसे- जैसे मंजिल की तरफ बढ़ रहे थे मुश्किलें भी उतनी ही ज्यादा हो रही थीं 10 किलो के बैग को लेकर पहाड़ पर बैलेंस बनाकर चलना आसान नहीं था क्योंकि वहां ऑक्सीजन की कमी भी थी। इसके साथ ही किलिमन्जारो सूखा और चट्टानी पहाड़ (rocky mountain) है इसलिए कई बार मनोबल भी कम हुआ, लेकिन जज्बा और जुनून बरकरार रखते हुए लगातार 6 दिन की चढ़ाई के बाद 20 जून की सुबह माउंट किलिमंजारों चोटी पर तिरंगा फहराया।
20 जून को माउंट किलिमन्जारो पर फहराया तिरंगा
पूर्वा धवन ने बताया कि इस सफर को पूरा करने में उनके परिवार का सबसे बड़ा योगदान है। क्योंकि पहाड़ों पर बर्फबारी के बीच चढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है। ये जानते हुए भी परिवार के सभी सदस्यों ने साथ दिया। पूर्वा ने 2015 में लखनऊ से इस सफर की शुरुआत की। 2016- 17 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तराखंड से बेसिक और एडवान्स पर्वतारोहण प्रशिक्षण (mountaineering training) किया। उस समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि इसके लिए मानसिक और शारीरिक रूप से खुदको तैयार करना पड़ा। लेकिन उसके बाद धीरे- धीरे कदम बढ़ाती रही और अपने लक्ष्य को हासिल करती आ रही हूं। पूर्वा धवन ने बताया कि 20 जून को अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमन्जारो पर तिरंगा फहराया है। जोकि 5895 मीटर ऊंची है।
माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराने का है लक्ष्य
पूर्वा बताती हैं कि इस लक्ष्य को पूरा करने में मेरे परिवार के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का भी अहम योगदान है। क्योंकि SBI के द्वारा आर्थिक सहायता की गई है। पूर्वा ने बताया कि बचपन में मेरी गर्दन एक तरफ झुकी हुई थी। जिसकी वजह से क्लास के सभी बच्चे चिढाते थे। लेकिन जो लोग पहले मेरा मजाक उड़ाते थे आज वही तारीफ करते हैं और मुझे प्रेरणा (Inspresstion) मानते हैं। पूर्वा ने बताया कि 10वीं कक्षा में सर्जरी हो गई थी। इस दौरान पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को देखकर नजरिया बदला। उनकी बातों से ही आज इस मुकाम पर पहुंच सकी हूं। पूर्वा इसी साल दिसंबर में 7 हजार मीटर से ऊंची अर्जेटीना स्थित माउंट अकोंकागुआ की चोटी के लिए चढाई शुरू करेंगी। इसके बाद 2024 में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है। वहीं पूर्वा की मां मिनाक्षी धवन भी बेटी इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने जो ठाना उसे करके दिखाया।
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