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    लखनऊ: गर्मियों का मौसम चल रहा है ऐसे आम की तो मानों बाढ़-सी आ गई हो। गर्मी के मौसम में आम ना खाया जाए, तो गर्मियों का मजा अधूरा माना जाता है। स्वाद के साथ-साथ ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। जो आपको कई बीमारियों से दूर रखता है। लेकिन पके आम की एक साथ ज्यादा पैदावार ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। यही वजह है कि दुबग्गा मंडी में पका आम इन दिनों सिर्फ 10 रुपए किलो में बेंचा जा रहा है उसके बाद भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। लखनऊ में बागवानी करने वाले किसानों का कहना है कि इन दिनों आम के हालात बेहद खराब है। साढ़े चार लाख रुपए की खरीदी गई बाग से डेढ़ लाख रुपए की फसल बिक जाए तो बड़ी बात होगी।


    बाहर की गाड़ियों पर लगी है रोक- व्यापारी

    व्यापारी सलमान ने बताया कि मैंने साढ़े चार लाख रुपये की आम की एक बाग ली थी। ये आम का सीजन चल रहा है, सोचा था पिछले साल से इस साल आम कुछ महंगा होगा। लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। अब ऐसा लगता कि जो बाग साढ़े चार लाख में ली थी। उसकी कीमत का 1 लाख रुपये निकालना भी मुश्किल हो गया है। मलिहाबादी पके आम की हालात इस कदर खराब हो गई हैं। कि लोग 10 रुपये में भी नहीं खरीद रहे है। वजह यह है कि बाहर से जो गाड़िया आती थी उसमें सरकार ने रोक लगा दी है। वहीं सलमान ने बताया कि मोदी सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे। लेकिन अभी तक किया नही है। किसान जैसा पहले था उससे खराब दशा में जी रहा है। अगर सरकार ने मेरा सपोर्ट नहीं करेगी मैं आत्मदाह कर लूंगा।


    हैदराबाद में किसानों को मिल रही बेहतर सुविधाएं

    वहीं किसान मकसूदन ने बताया कि आम सस्ते होने की मुख्य वजह बाहर से गाड़िया न आना है। दुकानदार मैंगो पैक बनाने में केवल एक नम्बर का आम लेता है। बाकी आम को वापस कर देता है। आम हम लोग तो बनाते नहीं हैं वो सब प्रकृति के द्वारा उत्पन्न होता है। इस समय हम लोग इतना परेशान हो गए कि जीना मुश्किल हो गया है। जितनी कीमत लगाई थी। उसकी आधी रकम भी नहीं निकल पा रही है। जो आम दो या तीन नम्बर का है। हैदराबाद में किसानो को बेहतर सुविधा दी जाती है। बड़े- बड़े स्टोर बनवाये गए है, जिससे किसानों के आम रखे जा सके, और वो खराब न हो सके। लेकिन उत्तर प्रदेश और केंद्र की सरकार किसानों के प्रति बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है।


    सरकार से लगाई मदद की गुहार

    पके आम के हालात कुछ ऐसे हैं की व्यापारी 150 रुपये की कैरेट भी लेने को तैयार नहीं हैं। मंडी में कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। वहीं अगर अन्य जनपद जाकर बेचने की सोचते हैं तो कोई गाड़ी नहीं है। बाग की लागत नहीं निकल पा रही है। हर तरफ किसानों के हालात खराब है। इस समय आम ज्यादा संख्या में पक रहा है। जिसकी वजह से वह जल्दी खराब हो रहा है। इस्लाम ने कहा कि सरकार से यही कहेंगे कि कुछ सहायता की जाए। बाहर की जो गाड़िया आती हैं उनको परेशान न किया जाए। सलमान ने कहा कि आरटीओ कच्चे माल को रोक लेती है। लेकिन देश का कानून ये कहता है किसान का कच्चा माल नहीं रोक सकते हैं। लेकिन जब दूसरे शहरों में जाते हैं तो पुलिस वाले गाड़ी रुकवाकर भरपूर उगाही करते है। अगर वहां पैसा नही देते है तो गाड़ी को खड़ा रखते है।


    घर के गहने रखकर खरीदी थी बाग

    किसान रमेश ने बताया कि हम लोग सोना, चांदी गिरवी रखकर आम का बगीचा लिया था। मगर हालात ऐसे हुए की पैसा निकालना मुश्किल है। आम ज्यादा रेट में बिक नहीं पा रहा है। किसानों ने सरकार से निवेदन किया है कि बाहर का रास्ता खोल दिया जाए जिससे व्यापारी आ सके और मेरा माल महंगे दामों में खरीदें। जिससे हमारा परिवार भी खुशहाल रह सके।


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