Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कृष्णा नगर निवासी कारोबारी को अगवाकर मारपीट के मामले आरोप तय हुए हैं। शुक्रवार को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद, उमर अहमद, फारुख समेत अन्य सभी आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम किए हैं। कोर्ट ने रंगदारी वसूली के लिए अपहरण, लूट के तहत गंभीर धाराओं में आरोप तय किए हैं। इसमें 364ए भी शामिल हैं जिसमें मृत्युदंड तक का प्रावधान है। बता दें कि उमर लखनऊ की गोसाईगंज जेल से लाया गया था वहीं माफिया अतीक को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।
उमर बोला घर की औरतों को फसाया जा रहा
उमर अहमद के वकील उसामा नदवी ने बताया कि आज सीबीआई अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। अतीक और उमर खिलाफ जो धाराएं लगाई गई हैं वो समान हैं लेकिन अन्य के खिलाफ अलग अलग धाराओं के तहत चार्ज फ्रेम किए हैं। उसामा ने बताया कि 147/149/329/364A /386/394/411/420/467/468/471/506/120B आईपीसी में आरोप तय हुए हैं। इसमें 364ए में भी शामिल है। अब अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। हालांकि, अब इस मामले में ट्रायल चलेगा। वहीं कोर्ट से निकलने के दौरान बड़ा बयान दिया है। उमर ने कहा कि उसके घर की औरतों को फसाया जा रहा है।
20 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दिए थे जांच के आदेश
बता दें कि यह पूरा मामला साल 2018 में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का है। मोहित जायसवाल ने आरोप लगाया था कि अतीक अहमद के गुर्गों ने उसका अपहरण किया और फिर देवरिया जेल ले जाकर अतीक अहमद से मुलाकात करवाई। अतीक अहमद से मुलाकात के दौरान अतीक के गुर्गों ने मारपीट की और करोड़ों की जमीन के कागजातों पर दस्तखत करवा लिए। जिसके बाद कृष्णा नगर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। 2018 में कृष्णा नगर पुलिस ने मामले की विवेचना की। 20 जून 2019 सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। मामले की सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह कर रहे हैं। वहीं 20 जून 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
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