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    Lucknow News: द केरल स्टोरी विवादों के बीच सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। विपुल अमृतलाल शाह के प्रोडक्शन हाउस में बनी इस फिल्म को लेकर कुछ लोग आपत्ति जता रहे हैं। कुछ लोग इसे एजेंडा बता रहे हैं तो कोई इसकी तुलना 'द कश्मीर फाइल्स' से कर रहा है। हालांकि, विवादों के बीच बीजेपी के प्रदेश मंत्री एवं पूर्व महामंत्री अभिजात मिश्रा ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि लव जिहाद से बच्चियों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए द केरल स्टोरी अवश्य दिखाएं। उन्होंने कहा कि 100 बच्चियों को अपनी तरफ से फिल्म दिखाएंगे। सचेत रहें और सुरक्षित रहें। 


    योगी सरकार लव जिहाद को लेकर है सख्त

    बता दें कि लव जिहाद को लेकर योगी सरकार काफी सख्त है। इसको लेकर कानून भी बना है, जिसके तहत जबरन विवाह के लिए धर्म परिवर्तन के मामले में 5 साल की सजा और 15 हजार रुपये का जुर्माना है। मुस्लिम लड़के पहले हिंदू लड़के बनकर हिंदू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसाते हैं और फिर शादी कर लेते हैं। इसके बाद हिंदू लड़कियों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं। ऐसे कई मामले उत्तर प्रदेश में हर महीने आते हैं।


    ये है द केरल फिल्म की कहानी

    द केरल स्टोरी फिल्म शुरू होते ही बताती है कि जिन युवतियों की कहानियों पर ये फिल्म बनी है, उनके घरवालों ने कैमरे पर अपनी आपबीती सुनाई है। शुरू शुरू में तो लगता है कि ये एक ऐसी फिल्म है जिसे किसी खास राजनीतिक उद्देश्य से ही बनाया गया है। लेकिन, जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, ये दर्शकों को अपने साथ जोड़ने लगती है। दिखावे के हमले, दिखावे की सहानुभूति और दिखावे के प्रेम से युवतियों को बरगलाया जाता है। 


    इस्लाम के मायने तोड़ मरोड़कर समझाए जाते हैं। यहां तक कि हिंदू देवी देवताओं और ईसा मसीह के बारे में तमाम ऐसी बातें कही जाती हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि अगर यही बात किसी और धर्म के बारे में कही गई होती तो क्या उस धर्म के अनुयायी भी इतने ही सहिष्णु होकर ये फिल्म देखते रहते। जाकिर नायक जैसे धर्म प्रचारकों के हथकंडों का पर्दाफाश करती फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ खत्म होते होते एक ऐसी सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बन जाती है जिसे कहना हर कालखंड में जरूरी लगता है।


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