Lucknow News: इंडियन डिफेंस सर्विस ऑफ इंजीनियर्स (IDSE) एसोसिएशन ने 26 मार्च को CSOI विनय मार्ग में वार्षिक बैठक (AGBM) आयोजित की। इस बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव बाजपेई के साथ IDSE के दिल्ली समेत विभिन्न राज्य से कई अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान संजीव बाजपेयी ने कहा कि (IDSE) संगठन जो रक्षा मंत्रालय जैसे देश के अहम मंत्रालय के अधीन अपनी सेवाएं दे रहा है ये हमारे लिए बेहद गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हर परिस्थिति में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जाना जाता है हमने कभी भी रक्षा मंत्रालय को मायूस नहीं किया है और हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों के द्वारा सत प्रतिशत योगदान दिया रहा है।
इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
इंडियन डिफेंस सर्विस ऑफ इंजीनियर्स (IDSE) एसोसिएशन की बैठक में संघ के अध्यक्ष ने अधीक्षण अभियंता के स्वीकृत अधिकारियों के पदोन्नति सह पदस्थापना आदेश जारी करने की आवश्यकता पर बल दिया ,उन्होंने एमईएस संगठन के लिए अलग प्रमुख की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला , जिसका सृजन एमईएस के निर्माण के 100 वर्षों के बाद भी नहीं किया गया है। साथ ही इस बैठक में आईडीएसई अधिकारियों की एसएजी स्तर की स्वीकृत संख्या के लिए डीपीसी की समीक्षा तत्काल करने की मांग की गयी।
आपको बता दें कि इंडियन डिफेंस सर्विस ऑफ इंजीनियर्स (IDSE) 17 सितंबर 1949 को MES में वरिष्ठ स्तर के अधिकारी प्रदान करने के लिए अस्तित्व में लाया गया। IDSE मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज का मुख्य स्तंभ है, जो सशस्त्र बलों, भारतीय तट रक्षक, रक्षा के R & D संगठन को लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दूरस्थ क्षेत्र, लक्ष्यद्वीप और उत्तर पूर्व क्षेत्र में बुनियादी ढांचा और रखरखाव में सेवाएं प्रदान करता है। जिसके पूरे भारत में 31 अध्याय हैं। वहीं अधिकारियों की बात करे तो एमईएस में आईडीएसई अधिकारियों की संख्या लगभग 1077 हैं। इससे पता चलता है यह संगठन कितना महत्वपूर्ण है किस तरह के कामों को अंजाम दे रहा है।
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