img

    लखनऊ: केन्द्र सरकार ने वीआईपी कल्चर को दूर करने के लिए आज से करीब 6 साल पहले अफसरों-नेताओं की गाड़ियों से लाल और नीली बत्तियां को हटाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना के मुताबिक, सिर्फ आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलेंस, फायर सर्विस तथा पुलिस व सेना के अधिकारियों को नीली बत्ती लगाने की छूट दी गई थी। नियम के अनुसार, अधिकारी इसका इस्तेमाल वीवीआईपी एस्कॉर्ट में लगी गाड़ी में कर सकते हैं। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात को लेकर सभी से अपील की थी। लेकिन पीएम मोदी की अपील धरातल पर नजर नहीं आ रही है। आज भी अधिकारी धड़ल्ले से लाल-नीली बत्ती का उपयोग कर रहे हैं। यही नहीं हैरान करने वाली बात तो ये है कि सरकारी गाड़ियों के साथ- साथ अफसर अपनी निजी गाड़ियों में भी निसंकोच लाल और नीली बत्ती लगाकर घूम रहें हैं।


    मंडल कमांडेंट अपनी गाड़ी से उतरवाई बत्ती

    जब लाल और नीली बत्ती की धरातल पर हकीकत जानने के लिए उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग का निरीक्षण किया। गोमती नगर के शहीद पथ के पास सदर तहसील के बगल में स्थित मंडल कमांडेंट कार्यालय से लेकर आलमबाग में डीजी कार्यालय जाकर इसकी पड़ताल की। वहां खड़ी कई गाड़ियों पर लाल और नीली बत्ती लगी मिली। दरअसल, यह गाड़ी मंडल कमांडेंट घनश्याम चतुर्वेदी को अलॉट है। वहीं उनसे जब गाड़ी पर लगी लाल और नीली बत्ती के विषय पर बात की तो फौरन उन्होंने अपनी गाड़ी से बत्ती उतरवा दी। लेकिन ऐसा करने वाले सिर्फ घनश्याम ही नहीं थे इसलिए हमारी टीम यूपी होमगार्ड विभाग के डीजी विजय कुमार मौर्य के पास पहुंची। इस दौरान उन्होंने दूसरे विभागों का हवाला दिया।


    IAS-IPS ही नहीं छोटे अधिकारी भी हैं इसमें शामिल

    होमगार्ड डीजी विजय कुमार मौर्य ने कहा कि लगभग सभी विभागों में अधिकारी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को सख्त रुख अपनाने की जरूरत है। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस अधिकार को भी राज्य सरकार से छीन लिया है। 2017 से पहले राज्य की सरकारें इसको लेकर अधिसूचना जारी कर सकती थीं लेकिन अब इससे संबंधित नॉटिफिकेशन सिर्फ केंद्र सरकार ही जारी कर सकती है। हालांकि, लाल और नीली बत्ती का दुरुपयोग लगभग सभी विभागों में किया जा रहा है। IAS, IPS से लेकर PCS, PPS अधिकारी तक इसमें शामिल हैं। छोटे अधिकारियों से लेकर उत्तर प्रदेश के लगभग सभी अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का उल्लंघन कर रहें हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किससे उम्मीद की जाए?


    इन निजी वाहनों में लगी मिली लाल और नीली बत्ती

    गाड़ी नंबर (निजी वाहन)          गाड़ी स्वामी का नाम 


    UP32 LR 0611                     चंदन सिंह


    UP32 GU 5600                  अनुराधा सिंह


    UP32 LT 1261                      मीनाक्षी गुप्ता



    इन सरकारी गाड़ियों में लगी लाल और नीली बत्ती 


    UP32 BG 8368


    UP 32 BG 7189


     UP32 EG 5517


    UP80 AG 0720


    UP32 BG 7440


    UP44 G 0125


    UP32 EG 2070


    1 मई 2017 को केंद्र सरकार ने किया था लागू

    बता दें कि 19 अप्रैल 2017 को केंद्र सरकार ने 1998 की मोटर वाहन नियमावली के नियम 108 (1-तृतीय) और 108 (2) में संशोधन किया था। वहीं 1 मई 2017 को इसको लागू कर दिया गया था। भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने कहा था कि लाल बत्ती पूरी तरह बैन रहेगी, मगर नीली बत्ती इमरजेन्सी वाहनों पर लगेगी। उन्होंने जिन इमरजेन्सी वाहनों को गिनाया था, उसमें ऐम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, आपदा राहत और पुलिस की गाड़ियां शामिल हैं। लेकिन अधिकारियों ने अपनी आधिकारिक गाड़ी को ही 'पुलिस का आपातकालीन वाहन' मान लिया है। इसके साथ ही निजी गाड़ियों में भी लाल और नीली बत्ती लगाकर घूम रहें हैं। जबकि सरकार ने जिन पुलिस की गाड़ियों का जिक्र किया, उनमें थाने में मौजूद पीआरवी (पुलिस रेस्पॉन्स वीकल्स) और जिप्सी, टाटा सूमो आदि शामिल हैं।


    खबरें और भी हैं...