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    Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ के अधिकांश मार्गों पर लगने वाले जाम की सबसे बड़ी वजह अवैध वाहनों पर अंकुश न लग पाना है। जिन वाहनों से जाम लग रहा, उन्हें पकड़कर बंद करने के लिए जगह ही नहीं है। चालान करने भर से समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा। हालांकि शहर से ई-रिक्शा का संचालन 11 मार्गों पर प्रतिबंधित जरूर किया गया है लेकिन, उसका कोई असर नहीं है। बता दें कि 40 हजार से अधिक ई-रिक्शा से शहर में दिन भर जाम लगा रहता है।


    जिम्मेदारों ने कही ये बात

    परिवहन व यातायात पुलिस की अनदेखी से ई-रिक्शा संचालकों का हौसला बुलंद है। आरटीओ प्रवर्तन संदीप पंकज ने बताया कि ई-रिक्शा की परमिट न होने का दुरुपयोग हो रहा हैं। उन्हें बंद करने के लिए जगह नहीं है। चालान करके छोड़ना समस्या का हल नहीं है। चार प्रमुख मार्गों के आसपास जगह दिलाने के लिए कई बार नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है लेकिन, अब तक जगह नहीं मिली है।


    धड़ल्ले से भर रहे फर्राटा

    राजधानी में ई-रिक्शा ने यातायात के अन्य वाहनों को काफी पीछे छोड़ दिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को परमिट से छूट है, इसलिए ये धड़ल्ले से किसी भी मार्ग पर फर्राटा भरने लगते हैं। रूट के आधार पर परिवहन व पुलिस विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर पाता है। राजधानी को जाम से बचाने के जो 11 रूट ई-रिक्शा के लिए दो बार प्रतिबंधित किए जा चुके हैं। उनके पर भी चलने से दोनों महकमे रोक नहीं पा रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर छिटपुट चालान किया गया है। लेकिन बंद करने की कार्रवाई बेहद कम है।


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