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    Lucknow News: उत्तर प्रदेश की मंडियों में सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतें आम आदमी की जेब को ढीला कर ही रही हैं। एक ओर पेट्रोल- डीजल और गैस सिलेंडर घर के बजट पर बड़ा असर डाल रहा है तो वहीं दूसरी ओर सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। हालांकि, टमाटर ने लोगों को राहत दी है। पहले जो टमाटर 200- 210 रूपये किलो में बिक रहा था वो इन दिनों 60 रूपये किलो में बिक रहा है। लेकिन अन्य सब्जियों के दामों ने घर का बजट बिगाड़ रखा है। लखनऊ में दुकानदारों का कहना है कि सब्जियों की कीमतें ज्यादा होने से लोग सब्जी भी कम खरीद रहे हैं। जिससे उनकी थाली से सब्जी गायब हो चुकी है। जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।


    रोजाना मंडी में चल रहा उतार-चढ़ाव

    सब्जियों की कीमतों में लगातार उतार चढ़ाव बना हुआ है। थोक मंडियों से फुटकर मंडियों तक पहुंचते-पहुंचते इन सब्जियों के दाम दो से तीन गुना ज्यादा हो जाते हैं। महंगी सब्जियों को खरीदने वालों की जेब तो ढीली हो ही रही है, इसके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं जो सब्जियों की कीमतें ज्यादा होने से सब्जी खरीदने से दूरी बनाए हुए हैं। हरी सब्जियों का इस्तेमाल नहीं कर पाने से उनकी सेहत पर असर पड़ रहा है। फुटकर सब्जी बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि सब्जी के दाम आए दिन कम ज्यादा हो रहे हैं। जिससे रोज़ाना सब्जी खरीदने वाले लोगों की संख्या में कमी हुई है। 


    थोक मंडी में सब्जियों के रेट कुछ इस तरह हैं जो लोगों के घरों तक पहुंचते- पहुंचते करीब 30 फीसदी और बढ़ जाते हैं।

    हरी मिर्च - 60 रुपये किलो

    अदरक - 90 रुपये किलो

    फूल गोभी - 20 रुपये/प्रति पीस

    आलू - 14 रुपये किलो

    लहसुन - 120 रुपये किलो

    प्याज - 22 रुपये किलो

    नींबू - 50 रुपये किलो

    भिंडी - 20 रुपये किलो

    तोरई - 20 रुपये किलो

    कद्दू - 20 रुपये किलो

    लौकी - 20 रुपये किलो

    सेम - 30 रुपये किलो

    परवल - 20 रुपये किलो

    करेला - 28 रुपये किलो

    हरी धनिया - 70 रुपये किलो

    टमाटर - 30 रुपये किलो

    घुइयां - 20 रुपये किलो

    पालक - 45 रुपये किलो

    गाजर - 50 रुपये किलो


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