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    Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर मौजूद ढाबों और दुकानों के नेम प्लेट विवाद पर योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। राज्य सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए, नेम प्लेट विवाद में दायर याचिकाओं का विरोध किया है। सरकार ने कहा कि कांवड़ियों की धार्मिक भावना का ख्याल रखते हुए यह फैसला लिया गया, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की गलत घटना न हो।


    4.07 करोड़ से अधिक कांवड़िये लेते हैं भाग 

    सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया कि नेम प्लेट वाला आदेश शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा के संचालन के लिए था। यह आदेश कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया था। सरकार के मुताबिक, सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवड़िये इस यात्रा में भाग लेते हैं।


    धार्मिक भावनाओं की रखा के लिए उठाया कदम- योगी सरकार 

    योगी सरकार ने अपने जवाब में कहा, हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने के नाते हमारा आदेश प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करता है, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा कदम उठाती है कि सभी धर्मों के त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाएं।


    यूपी सरकार के जवाब को इन प्वाइंट्स के जरिए जानें 

    1- राज्य सरकार ने ये निर्देश कावंड़ यात्रियों की दुकान को लेकर की गई शिकायतों के मद्देनजर जारी किए थे। इस यात्रा के दौरान खाने को लेकर गलतफहमी पहले भी तनाव और झगड़े की वजह बनती रही है


    2- इन निर्देशों के पीछे मकसद ये था कि कावंड़ियों को ये पता चल सके कि वो कौन सा भोजन ये ले रहे है, ताकि भूल से भी उनकी धार्मिक भावनाएं आहत न हो।


    3- कावंड़ यात्रा के दौरान खाने में प्याज लहसून का इस्तेमाल भी झगडे की वजह बन सकता है। इसलिए इन निर्देशों का मकसद ये सुनिश्चित करने का है कि कावंड़ यात्रा शांतिपूर्ण - सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो और कोई अप्रिय घटना न हो।


    4- सरकार के ये निर्देश किसी के साथ उसके धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। कावंड़ यात्रा रूट पर नेम प्लेट लगाने का ये निर्देश सभी धर्म के लोगों के लिए है, किसी एक ख़ास महजब के लिए नहीं।



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