बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के साईं बाबा को लेकर दिए बयान पर हंगामा हो गया है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की सियासत भी गरमा गई है। अब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता राहुल कनल ने पुलिस को एक पत्र लिखा है, जिसमें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिवसेना नेता धीरेंद्र शास्त्री द्वारा साईं बाबा को लेकर की गई टिप्पणी से नाराज हैं।
कैबिनेट मंत्री ने भी धीरेंद्र शास्त्री के बयान से जताई नाराजगी
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले और कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण विक्खे पाटिल ने भी धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि 'उन्हें (धीरेंद्र शास्त्री) बाबा पर सवाल उठाने का क्या अधिकार है? अगर उन्हें किसी खास धर्म या संगठन के लिए कैंपेन करना है तो वह अपनी चार-दीवारी में रहकर यह काम करें पर ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान सांप्रदायिक हिंसा को जन्म दे सकते हैं।'
एनसीपी नेता जितेंद्र आह्वाड ने भी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को निशाने पर लिया और कहा कि महाराष्ट्र में हर किसी को महापुरुषों का अपमान करने दिया जा रहा है। जिसे जो बोलना है, वह बोल रहा है।
क्या है विवाद
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने अपने एक बयान में कहा कि 'हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है क्योंकि वह हमारे धर्म के प्रधानमंत्री हैं। कोई भी संत...चाहे हमारे धर्म के हों या फिर कोई और हों...वे संत, युगपुरुष और कल्पपुरुष हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं।' उन्होंने कहा कि 'साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं मगर भगवान नहीं हो सकते हैं। यह बोलना विवाद का विषय हो जाएगा लेकिन यह बोलना भी जरूरी है कि गीदड़ की खाल पहन लेने से कोई शेर नहीं हो जाता।
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