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    भारतीय समाज में गुरुओं का दर्जा ईश्वर से भी ऊंचा रखा गया है। इसलिए हमारे समाज में गुरु का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। जब कभी शिष्य अंधकार में डूबने लगता है तब गुरु अपने ज्ञान रूपी नाव का सहारा देकर उसकी नैय्या पार लगाता है। शास्त्रों के मुताबिक, आज ही के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसी कारण इस पर्व को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। आज गुरु पूर्णिमा के दिन हम आपको उन गुरुओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने ज्ञान की ज्योति से युवाओं के जीवन प्रकाशित कर रहे हैं।


    विकास दिव्यकीर्ति

    विकास दिव्यकीर्ति... ये नाम आपने जरूर सुना होगा। चाहे आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हों या नहीं। सोशल मीडिया पर इनके हजारों वीडियो संमदर की तरह फैले हुए हैं। इनके वीडियो में आप न सिर्फ सिलेबस की बात जानेंगे बल्कि जीवन से जुड़े कुछ न कुछ सीख भी सीखेंगे। बता दें कि विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 में हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ था। वहां से अपनी पढ़ाई को खत्म करने के बाद वे 1996 में UPSC परीक्षा को पास करके IAS के पद पर नियुक्त हुए थे। कुछ समय बाद इनका मन नौकरी में नहीं लगा और इन्होंने इस्तीफा दे दिया। फिर अपना खुद का कोचिंग सेंटर (दृष्टि आईएएस) खोल दिया। इसके बाद इनकी बेहतरीन पढ़ाने की शैली ने युवाओं का दिल जीत लिया और ये मशहूर हो गए। सोशल मीडिया पर इनकी लाखों की फैन फॉलोइंग है।



    खान सर

    खान सर की पढ़ाने की शैली लोगों से बिल्कुल अलग है। वह हर बच्चे के मन में घर बना लेते हैं। वो अपने यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन क्लासेस देते हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर में हुआ था। खान सर अपने पढ़ाने के रोचक अंदाज के कारण पूरे देश में फेमस हैं। खान सर अपने कोचिंग सेंटर में भी पढ़ाते है। इनके कोचिंग सेंटर में हजारों की संख्या में छात्र पढ़ने आते है। खान सर कंपटेटिव एग्जाम्स, जीके आदि की क्लासेज पढ़ाते हैं। बता दें कि इनके कोचिंग सेंटर में इतनी भीड़ हो जाती है कि कभी कभी तो बहुत से छात्र खड़े होकर पढ़ते हैं।



    आनंद कुमार

    अगर आप के आस-पास को आईआईटी की तैयारी कर रहा हो तो उससे एक बार आनंद कुमार के नाम का जिक्र करके देखिए, यकीन मानिए उस छात्र के चेहरे पर जो खुशी होगी वो देखने लायक होगी। आपने ऋतिक रोशन की सुपर 30 मूवी जरूर देखी होगी। ये फिल्म आनंग कुमार के जीवन पर आधारित है। आनंद कुमार सुपर 30 नाम की कोचिंग सेंटर चलाते हैं, जिसमें गरीब छात्रों को IIT की फ्री में क्लास दी जाती है। आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 को बिहार के पटना में हुआ था। इन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।



    अवध ओझा

    विकास दिव्यकीर्ति के बाद अगर किसी शिक्षक ने युवाओं के दिन में अपना घर बनाया है तो वे हैं अवध ओझा। अवध ओझा भी यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करवाते हैं। इनका खुद का यूट्यूब चैनल है। साथ ही खुद की कोचिंग सेंटर भी। अवध ओझा को बच्चे ओझा सर भी बुलाते हैं। इनकी भी पढ़ाने की शैली आला दर्जे की है। इनके वक्तव बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ मोटिवेट भी करते हैं। जानकारी दे दें कि अवध ओझा का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है। इनका जन्म 13 जुलाई 1984 को यूपी के गोंडा जिले में हुआ था। भले ही ओझा UPSC क्लीयर नहीं कर पाएं हो, लेकिन इनके पढ़ाए बच्चे आज आईएस बन देश में नाम रोशन कर रहे हैं।



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