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    Medini Jyotish : प्रकृति में आने वाली आपदाओं की यदि बात करें तो इनमें से कई चीजों के बारे में पूर्वानुमान लगा पाना काफी कठिन है। जिसमें से भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ प्रकृति बदलाव जैसी अन्य कुछ बातें हैं जिन्हें हम उचित रुप से अभी तक जान पाने में बहुत अधिक सक्षम नहीं हैं। लेकिन विज्ञान इस ओर अपनी प्रगति को लेकर सदैव ही तत्पर दिखा है, लेकिन जब बात आती है ज्योतिष की तो इसका भी एक हिसा ऎसा है जो प्रकृति में होने वाले बदलावों की ओर सदैव नजर बनाए रहता है। यह महज कोरी कल्पना नहीं है अपितु उन प्राचिनत ग्रंथों से प्राप्त ज्ञान है जो हमें हमारे पूर्वजों से प्राप्त हुआ है।


    ज्योतिष में एक हिस्सा है मेदिनी ज्योतिष यह वह भाग है जिसके द्वारा प्राकृतिक आपदाओं एवं मौसम में होने वाले बदलावों पर विशेष रुप से जोर दिया जाता है। इन पर कड़ी निगाह रखी जाती है मेदिन ज्योतिष जिसे मुंडेन के नाम से भी जाना गया है, पृथ्वी पर होने वाले बदलावों के बारे में कई तरह के ज्ञान को हमारे समक्ष रखती है। मेदिनी ज्योतिष अनुसार मौसम में होने वाले बदलाव जैसे वर्षा का आगमन, फसलों की स्थिति ओर देश के किन हिस्सों पर प्राकृतिक आपदाओं का असर सबसे अधिक रह सकता है इन सभी बातों पर विचार होता है।


    ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव 

    ज्योतिष अनुसार खोगोलिय घटनाओं में होने वाले बदलावों हम सभी पर पड़ता है। यह कम या अधिक किसी भी रुप में देखने को मिल सकता है। तभी तो पूर्णिमा और अमावस्या का समय मानसिक प्रवृति से कमजोर लोगों के लिए काफी परेशानी वाला माना गया है जिस पर विज्ञान भी अपनी सहमति देता है, इसके अलावा समुद्र में ज्वार की स्थिति भी चंद्रमा के द्वारा प्रभावित होती देखी जाती है। इसी संदर्भ कोई बड़े ग्रहों का अपनी राशि या चाल में बदलाव करने का समय भी महत्वपूर्ण समय होता है जब उसके द्वारा राष्ट्र एवं सामाजिक क्षेत्र में बड़े बदलाव होते हैं। ग्रह नक्षत्रों में विशेष रुप से पाप ग्रहौं की भूमिका के साथ चंद्रमा का प्रभाव आपदाओं का संकेत देने वाला समय बन जाता है।


    ज्योतिष में दुर्घटनाओं के योग 

    विश्व के अनेक देशों में युद्ध एवं गृह युद्ध की स्थिति, तुर्की में आने वाले विनाशकारी भूकंप, कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना, दिल्ली में भूकंप का आना और अब 'बिपरजॉय'  चक्रवात यह वह घटनाएं हैं जो बहुत अधिक गहराई से हम पर असर डाल रही हैं। अभी इस सस्मय पर बालासोर ट्रेन दुर्घटना ओर अभी दिल्ली में आए भूकंप एवं गुजरात इत्यादि क्षेत्रों से टकराने वाले चक्रवात की बात करें तो इस समय पर ग्रहों की स्थिति काफी महत्वपूर्ण रुप से अपना असर दिखाने वाली रही है।


    ओडिशा में 2 जून 2023 को शाम के समय एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ उस समय अगर ग्रहों की स्थिति पर ध्यान दिया जाए तो राहु केतु जैसे पाप ग्रहों के मध्य चंद्रमा का होना और साथ में गुरु बुध का संबंध, मंगल का नीचस्थ स्थिति में होना और शनि के साथ बना षडाष्टक योग। इसी के साथ देश के एक विशेष भू भग पर होने वाले उपद्रवों का आरंभ, वहीं अभी हाल में आए भूकंप और चक्रवात के समय भी चंद्रमा की स्थिति राहु के साथ मेष राशि में बनी हुई देखी जा सकती है। इसके अलावा 17 जून से शनि के वक्री होने की स्थिति का असर भी इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार बनता देखा जा सकता है। यह स्थिति अभी देश ओर विदेशों में होने वाली दुर्घटनाओं में तेजी को दिखाने वाली होगी। कुछ राजनीतिक संकट उपदवों की वृद्धि के संकेत सपष्ट रुप से दे रहा है। किंतु यह सिर्फ सरसरी निगाह से ज्योतिष को समझने का प्रयास है। किंतु इसके मूल तो इसके भीतर मौजूद सूत्रों से ज्ञात होता है।


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